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Mahendra Kapoor - Om Jai Jagdish Hare Lyrics



Mahendra Kapoor - Om Jai Jagdish Hare Lyrics
Official




ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट

क्षण में दूर करे (क्षण में दूर करे)

ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट

क्षण में दूर करे (क्षण में दूर करे)

ॐ जय जगदीश हरे

जो ध्यावे फल पावे दुःख बिन से मन का
स्वामी दुख बिन से मन का
सुख सम्पति घर आवे
सुख सम्पति घर आवे

कष्ट मिटे तन का (कष्ट मिटे तन का)

ॐ जय जगदीश हरे

मात पिता तुम मेरे
शरण गहूं किसकी

स्वामी शरण गहूं किसकी
तुम बिन और ना दूजा

तेरे बिन और ना दूजा

आस करूँ मे कीसकी (आस करूँ मे कीसकी)

ॐ जय जगदीश हरे

तुम पूरण परमात्मा
तुम अंतर्यामी

स्वामी तुम अंतरियामी

पार ब्रह्म परमेश्वर
पार ब्रह्म परमेश्वर

तुम सबके स्वामी (तुम सबके स्वामी)

ॐ जय जगदीश हरे

तुम करुणा के सागर
तुम पालन करता

स्वामी तुम पालन करता
मैं मूरख खलकामी
मैं सेवक तुम स्वामी

कृपा करो भर्ता (कृपा करो भर्ता)

ॐ जय जगदीश हरे

तुम हो एक अलोचन सबके प्राण पती
स्वामी सबके प्राण पती
इस विध मिलू दया मे
इस विध मिलू दया मे

तुमको मे तुमती (तुमको मे तुमती)

ॐ जय जगदीश हरे

दिन बंधु दुख हरता ठाकुर तुम मेरे
स्वामी रक्षक तुम मेरे
अपने हाथ उठाओ
अपनी शरण लगाओ

पार परा तेरे (पार परा तेरे)

ॐ जय जगदीश हरे

विषय-विकार मिटाओ पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ

सन्तन की सेवा (सन्तन की सेवा)

ॐ जय जगदीश हरे (ॐ जय जगदीश हरे)
ॐ जय जगदीश हरे (ॐ जय जगदीश हरे)
स्वामी जय जगदीश हरे (स्वामी जय जगदीश हरे)
भक्त ज़नो के संकट (भक्त ज़नो के संकट)
दास जनो के संकट (दास जनो के संकट)
क्षण में दूर करे (क्षण में दूर करे)
ॐ जय जगदीश हरे (ॐ जय जगदीश हरे)
ॐ जय जगदीश हरे (ॐ जय जगदीश हरे)
स्वामी जय जगदीश हरे (स्वामी जय जगदीश हरे)
भक्त ज़नो के संकट (भक्त ज़नो के संकट)
दास जनो के संकट (दास जनो के संकट)
क्षण में दूर करे (क्षण में दूर करे)
ॐ जय जगदीश हरे(ॐ जय जगदीश हरे)
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ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट

क्षण में दूर करे (क्षण में दूर करे)

ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट

क्षण में दूर करे (क्षण में दूर करे)

ॐ जय जगदीश हरे

जो ध्यावे फल पावे दुःख बिन से मन का
स्वामी दुख बिन से मन का
सुख सम्पति घर आवे
सुख सम्पति घर आवे

कष्ट मिटे तन का (कष्ट मिटे तन का)

ॐ जय जगदीश हरे

मात पिता तुम मेरे
शरण गहूं किसकी

स्वामी शरण गहूं किसकी
तुम बिन और ना दूजा

तेरे बिन और ना दूजा

आस करूँ मे कीसकी (आस करूँ मे कीसकी)

ॐ जय जगदीश हरे

तुम पूरण परमात्मा
तुम अंतर्यामी

स्वामी तुम अंतरियामी

पार ब्रह्म परमेश्वर
पार ब्रह्म परमेश्वर

तुम सबके स्वामी (तुम सबके स्वामी)

ॐ जय जगदीश हरे

तुम करुणा के सागर
तुम पालन करता

स्वामी तुम पालन करता
मैं मूरख खलकामी
मैं सेवक तुम स्वामी

कृपा करो भर्ता (कृपा करो भर्ता)

ॐ जय जगदीश हरे

तुम हो एक अलोचन सबके प्राण पती
स्वामी सबके प्राण पती
इस विध मिलू दया मे
इस विध मिलू दया मे

तुमको मे तुमती (तुमको मे तुमती)

ॐ जय जगदीश हरे

दिन बंधु दुख हरता ठाकुर तुम मेरे
स्वामी रक्षक तुम मेरे
अपने हाथ उठाओ
अपनी शरण लगाओ

पार परा तेरे (पार परा तेरे)

ॐ जय जगदीश हरे

विषय-विकार मिटाओ पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ

सन्तन की सेवा (सन्तन की सेवा)

ॐ जय जगदीश हरे (ॐ जय जगदीश हरे)
ॐ जय जगदीश हरे (ॐ जय जगदीश हरे)
स्वामी जय जगदीश हरे (स्वामी जय जगदीश हरे)
भक्त ज़नो के संकट (भक्त ज़नो के संकट)
दास जनो के संकट (दास जनो के संकट)
क्षण में दूर करे (क्षण में दूर करे)
ॐ जय जगदीश हरे (ॐ जय जगदीश हरे)
ॐ जय जगदीश हरे (ॐ जय जगदीश हरे)
स्वामी जय जगदीश हरे (स्वामी जय जगदीश हरे)
भक्त ज़नो के संकट (भक्त ज़नो के संकट)
दास जनो के संकट (दास जनो के संकट)
क्षण में दूर करे (क्षण में दूर करे)
ॐ जय जगदीश हरे(ॐ जय जगदीश हरे)
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Writer: ANURADHA PAUDWAL
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group, Royalty Network




Mahendra Kapoor - Om Jai Jagdish Hare Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Mahendra Kapoor
Length: 6:00
Written by: ANURADHA PAUDWAL

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