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Apne Liye Jiye To Kya Jiye Video (MV)




Performed By: Manna De
Length: 6:24
Written by: JAVED ANWAR, USHA KHANNA




Manna De - Apne Liye Jiye To Kya Jiye Lyrics
Official




खुदगज़र् दुनिया में ये इनसान की पहचान है
जो पराई आग में जल जाये वो इनसान है

अपने लिये जिये तो क्या जिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये

बाज़ार से ज़माने के कुछ भी न हम खरीदेंगे
बाज़ार से ज़माने के कुछ भी न हम खरीदेंगे
हाँ बेचकर खुशी अपनी
लोगों के ग़म खरीदेंगे
बुझते दिये जलाने के लिये
बुझते दिये जलाने के लिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये

अपनी खुदी को जो समझा
उसने खुदा को पहचाना
अपनी खुदी को जो समझा
उसने खुदा को पहचाना
आज़ाद फ़ितरते इनसां
अन्दाज़ क्यों ग़ुलामाना
सर ये नहीं झुकाने के लिये
सर ये नहीं झुकाने के लिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये

हिम्मत बुलंद है अपनी
पत्थर सी जान रखते हैं
हिम्मत बुलंद है अपनी
पत्थर सी जान रखते हैं
कदमों तले ज़मीं तो क्या
हम आसमान रखते हैं
गिरते हुओं को उठाने के लिये
गिरते हुओं को उठाने के लिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये

चल आफ़ताब लेकर चल
चल महताब लेकर चल
चल आफ़ताब लेकर चल
चल महताब लेकर चल
तू अपनी एक ठोकर में
सौ इन्क़लाब लेकर चल
ज़ुल्म और सितम मिटाने के लिये
ज़ुल्म और सितम मिटाने के लिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये
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खुदगज़र् दुनिया में ये इनसान की पहचान है
जो पराई आग में जल जाये वो इनसान है

अपने लिये जिये तो क्या जिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये

बाज़ार से ज़माने के कुछ भी न हम खरीदेंगे
बाज़ार से ज़माने के कुछ भी न हम खरीदेंगे
हाँ बेचकर खुशी अपनी
लोगों के ग़म खरीदेंगे
बुझते दिये जलाने के लिये
बुझते दिये जलाने के लिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये

अपनी खुदी को जो समझा
उसने खुदा को पहचाना
अपनी खुदी को जो समझा
उसने खुदा को पहचाना
आज़ाद फ़ितरते इनसां
अन्दाज़ क्यों ग़ुलामाना
सर ये नहीं झुकाने के लिये
सर ये नहीं झुकाने के लिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये

हिम्मत बुलंद है अपनी
पत्थर सी जान रखते हैं
हिम्मत बुलंद है अपनी
पत्थर सी जान रखते हैं
कदमों तले ज़मीं तो क्या
हम आसमान रखते हैं
गिरते हुओं को उठाने के लिये
गिरते हुओं को उठाने के लिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये

चल आफ़ताब लेकर चल
चल महताब लेकर चल
चल आफ़ताब लेकर चल
चल महताब लेकर चल
तू अपनी एक ठोकर में
सौ इन्क़लाब लेकर चल
ज़ुल्म और सितम मिटाने के लिये
ज़ुल्म और सितम मिटाने के लिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये
[ Correct these Lyrics ]
Writer: JAVED ANWAR, USHA KHANNA
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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