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Manna Dey - Chahe Chandrama Se Jwala Jhare Lyrics

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Manna Dey - Chahe Chandrama Se Jwala Jhare Lyrics
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चाहे चन्द्रमा से ज्वाला झरे
चाहे सूर्य से शीतलता जग पावे
किन्तु दयानिधि की दया के
अंतर में अनहि अन्तर आवे

ॐ इन्द्राय नमः स्वः
ॐ वरुणाय नमः स्वः
ॐ प्रजापतये स्वः

एक अधर्म अभिमानी असुर हिरण्य कशिप
था वीर भयंकर भारी
देख के हम हवं उस निछ ने
जल में डुबाई वसुंद्र नारी
दीन दशा वसुधा की विलोक
विष्णु हुये सकल दुख हारी
प्रभु ने रूप वराह का धार के
दैत्य को मार के धरती उबारी

बोलो वराह भगवान की जय

धरती के उद्धार को जो वराह सवरूप धरे
वही प्रभु दुःख के सागर से सबको पार करे
विष्णु पुराण सुने जो कोई वो भव सिंधु तरे
केशव कृपा सिंधु करुनामय जय जगदीश हरे हरे

गाओ रे गुण गाओ हरी के जो दुःख दूर करे हरे
गाओ रे गुण गाओ हरी के जो दुःख दूर करे हरे
जय जगदीश हरे हरे
जय जगदीश हरे
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चाहे चन्द्रमा से ज्वाला झरे
चाहे सूर्य से शीतलता जग पावे
किन्तु दयानिधि की दया के
अंतर में अनहि अन्तर आवे

ॐ इन्द्राय नमः स्वः
ॐ वरुणाय नमः स्वः
ॐ प्रजापतये स्वः

एक अधर्म अभिमानी असुर हिरण्य कशिप
था वीर भयंकर भारी
देख के हम हवं उस निछ ने
जल में डुबाई वसुंद्र नारी
दीन दशा वसुधा की विलोक
विष्णु हुये सकल दुख हारी
प्रभु ने रूप वराह का धार के
दैत्य को मार के धरती उबारी

बोलो वराह भगवान की जय

धरती के उद्धार को जो वराह सवरूप धरे
वही प्रभु दुःख के सागर से सबको पार करे
विष्णु पुराण सुने जो कोई वो भव सिंधु तरे
केशव कृपा सिंधु करुनामय जय जगदीश हरे हरे

गाओ रे गुण गाओ हरी के जो दुःख दूर करे हरे
गाओ रे गुण गाओ हरी के जो दुःख दूर करे हरे
जय जगदीश हरे हरे
जय जगदीश हरे
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Writer: B.D. MISHRA, S.N. TRIPATHI
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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