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Manna Dey - Hamari Hi Mutthi Mein [Part 1] Lyrics

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Manna Dey - Hamari Hi Mutthi Mein [Part 1] Lyrics
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हम्म हम्म हम्म
हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा

कभी ना ढले जो वो ही सितारा
दिशा जिस से पहचाने संसार सारा

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा
हथेली पे रेखाए हैं सब अधूरी
किसने लिखी हैं नही जानना हैं

हथेली पे रेखाए हैं सब अधूरी
किसने लिखी हैं नही जानना हैं

सुलझाने उनको न आएगा कोई
समझना हैं उनको ये अपना करम है

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म आ आ आ

अपने करम से दिखाना है सबको
खुद का पनपना, उभरना है खुदको

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म

अँधेरा मिटाए जो नन्हा शरारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)
दिशा जिस से पहचाने संसार सारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा
हमारे पीछे कोई आए ना आए
हमें ही तो पहले पहुचना वहाँ है

हमारे पीछे कोई आए ना आए
हमें ही तो पहले पहुचना वहाँ है

जिन पर हैं चलना नई पीढ़ीयों को
उन ही रास्तों को बनाना हमें हैं

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म आ आ आ

जो भी साथ आये उन्हें साथ ले ले
अगर ना कोई साथ दे तो अकेले

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म

सुलगा के खुद को मिटा ले अंधेरा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)
दिशा जिस से पहचाने संसार सारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)

कभी ना ढले जो वो ही सितारा
दिशा जिस से पहचाने संसार सारा

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म आ आ आ (आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ)
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हम्म हम्म हम्म
हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा

कभी ना ढले जो वो ही सितारा
दिशा जिस से पहचाने संसार सारा

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा
हथेली पे रेखाए हैं सब अधूरी
किसने लिखी हैं नही जानना हैं

हथेली पे रेखाए हैं सब अधूरी
किसने लिखी हैं नही जानना हैं

सुलझाने उनको न आएगा कोई
समझना हैं उनको ये अपना करम है

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म आ आ आ

अपने करम से दिखाना है सबको
खुद का पनपना, उभरना है खुदको

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म

अँधेरा मिटाए जो नन्हा शरारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)
दिशा जिस से पहचाने संसार सारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा
हमारे पीछे कोई आए ना आए
हमें ही तो पहले पहुचना वहाँ है

हमारे पीछे कोई आए ना आए
हमें ही तो पहले पहुचना वहाँ है

जिन पर हैं चलना नई पीढ़ीयों को
उन ही रास्तों को बनाना हमें हैं

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म आ आ आ

जो भी साथ आये उन्हें साथ ले ले
अगर ना कोई साथ दे तो अकेले

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म

सुलगा के खुद को मिटा ले अंधेरा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)
दिशा जिस से पहचाने संसार सारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा(ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म)

कभी ना ढले जो वो ही सितारा
दिशा जिस से पहचाने संसार सारा

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म आ आ आ (आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ)
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Writer: LAXMIKANT PYARELAL, MANGESH KULKARNI
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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