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Manna Dey - Nainon Ke Yeh Do Panchhi Lyrics

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Manna Dey - Nainon Ke Yeh Do Panchhi Lyrics
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ह्म् म्म्म हा आ आ हो ओ
नैनो के ये दो पंछी उलझे है वहाँ पर जाके
दुल्हन सी जहाँ बैठी है ये रात शर्मा के हो ओ
नैनो के ये दो पंछी

कलियों से तन को सवारे आँचल में लेकर तारे
आई है ये मतवाली अंखियों में कजरा घोले
राहों में हलके हलके रूकती है जब वो चल के
उसकी कुवारी प्यारी हाय रे पायल यू बोले
ऐसे नशीली बनती
हलकी सी कोई धुन छेड़े
जो दूर कही मौसम में हो हो जाये लेहराके
हो हो नैनो के ये दो पंछी

अनजाने सपने बुनकर शबनम के मोती चुनकर
अपने सजना से जाकर मिलने की बतिया सोचे
तन से भी उड़कर आगे चंचल मन पहले भागे
कितना भी अब कीवाली चाहे इस मन को रोके
हो जाये मन बंदी यादों के हसीन पिंजरे मे
मासूम खयालो में जग खो ज़ाए घबरा के हो हो
नैनो के ये दो पंछी उलझे है वहाँ पर जाके
दुल्हन सी जहाँ बैठी है ये रात शर्मा के
नैनो के ये दो पंछी
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ह्म् म्म्म हा आ आ हो ओ
नैनो के ये दो पंछी उलझे है वहाँ पर जाके
दुल्हन सी जहाँ बैठी है ये रात शर्मा के हो ओ
नैनो के ये दो पंछी

कलियों से तन को सवारे आँचल में लेकर तारे
आई है ये मतवाली अंखियों में कजरा घोले
राहों में हलके हलके रूकती है जब वो चल के
उसकी कुवारी प्यारी हाय रे पायल यू बोले
ऐसे नशीली बनती
हलकी सी कोई धुन छेड़े
जो दूर कही मौसम में हो हो जाये लेहराके
हो हो नैनो के ये दो पंछी

अनजाने सपने बुनकर शबनम के मोती चुनकर
अपने सजना से जाकर मिलने की बतिया सोचे
तन से भी उड़कर आगे चंचल मन पहले भागे
कितना भी अब कीवाली चाहे इस मन को रोके
हो जाये मन बंदी यादों के हसीन पिंजरे मे
मासूम खयालो में जग खो ज़ाए घबरा के हो हो
नैनो के ये दो पंछी उलझे है वहाँ पर जाके
दुल्हन सी जहाँ बैठी है ये रात शर्मा के
नैनो के ये दो पंछी
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Vijay Raghav Rao, Yogesh
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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Manna Dey - Nainon Ke Yeh Do Panchhi Video
(Here for Video at the top of page)


Performed By: Manna Dey
Length: 3:20
Written by: Vijay Raghav Rao, Yogesh

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