सुन कल कल, छल छल, मधुघट से गिरती प्यालों में हाला
सुन कल कल, छल छल
कल कल, छल छल, मधुघट से गिरती प्यालों में हाला
सुन रुनझुन रुनझुन जल वितरण, करती मधु साक़ी बाला
बस आ पहुँचे, दूर नहीं
बस आ पहुँचे, दूर नहीं, कुछ चार कदम अब चलना है
चहक रहे सुन पीनेवाले, महक रही ले मधुशाला
चहक रहे सुन पीनेवाले, महक रही ले मधुशाला