सुन मेरे लाल यूँ न हो बेहाल
सुन मेरे लाल यूँ न हो बेहाल
देश पराया यहा कोई न पूछे
जी का हाल रे
सुन मेरे लाल यूँ न हो बेहाल
सुन मेरे लाल यूँ न हो बेहाल
देश पराया यहा कोई न पूछे
जी का हाल रे
सुन मेरे लाल यूँ न हो बेहाल
आये थे अकेले हम
जाएंगे अकेले
घड़ी दो घड़ी के हैं
दुनिया के मेले
रैन बसेरा यहाँ
सोच समझ डेरा डाल रे
सुन मेरे लाल यूँ न हो बेहाल
सुन मेरे लाल यूँ न हो बेहाल
प्रीत भी यहां की झूठी मीत भी झूठे
सपनों के संग यहाँ दिल सदा टूटे
मोह न कारियों रे अपने को देख सँभाल रे
सुन मेरे लाल यूँ न हो बेहाल
सुन मेरे लाल यूँ न हो बेहाल
देश पराया यहा कोई न पूछे
जी का हाल रे
सुन मेरे लाल यूँ न हो बेहाल
सुन मेरे लाल यूँ न हो बेहाल