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Mehak Suri - Sathia [Unplugged] Lyrics



Mehak Suri - Sathia [Unplugged] Lyrics
Official




यू तो ज़िंदगी से
होती थी मुलाक़ातें
पहली बार की है
ज़िंदगी ने मुझसे बातें
अजनबी सा एहसास है
हर पल अब तो ख़ास है
तुम पर गये जो साथिया
साथिया
साथिया
साथिया

ख्वाहिशों में फिर से
बेताबियाँ जगी हैं
हंसते हंसते हैं आँखों में नमी
हसरतें भी मेरी करने लगी ठगी
पैरों के नीचे से निकली ज़मीन
अजनबी सा एहसास है
हरपाल अब तो ख़ास है
तुम बन गये जो
साथिया
साथिया
साथिया
साथिया

छेड़ दी हवाएँ कानो में कह रही
तुझको ऐसी खुश देखा ना कभी
दिल में यों सपनो की नदिया सी बह रही
जिसमे भीगे है अरमान सभी
अजनबी सा एहसास है
हरपाल अब तो ख़ास है
तुम बन गये जो साथिया
साथिया
साथिया
साथिया
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यू तो ज़िंदगी से
होती थी मुलाक़ातें
पहली बार की है
ज़िंदगी ने मुझसे बातें
अजनबी सा एहसास है
हर पल अब तो ख़ास है
तुम पर गये जो साथिया
साथिया
साथिया
साथिया

ख्वाहिशों में फिर से
बेताबियाँ जगी हैं
हंसते हंसते हैं आँखों में नमी
हसरतें भी मेरी करने लगी ठगी
पैरों के नीचे से निकली ज़मीन
अजनबी सा एहसास है
हरपाल अब तो ख़ास है
तुम बन गये जो
साथिया
साथिया
साथिया
साथिया

छेड़ दी हवाएँ कानो में कह रही
तुझको ऐसी खुश देखा ना कभी
दिल में यों सपनो की नदिया सी बह रही
जिसमे भीगे है अरमान सभी
अजनबी सा एहसास है
हरपाल अब तो ख़ास है
तुम बन गये जो साथिया
साथिया
साथिया
साथिया
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Sandeep Nath
Copyright: Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC

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Mehak Suri - Sathia [Unplugged] Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Mehak Suri
Length: 4:17
Written by: Sandeep Nath

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