बेवफ़ा यूँ तेरा मुस्कुराना
बेवफ़ा यूँ तेरा मुस्कुराना याद आने के काबिल नहीं हैं (आय-हाय, वाह वाह)
बेवफ़ा यूँ तेरा मुस्कुराना याद आने के काबिल नहीं हैं
इस कदर जुल्म ढाए है तूने
इस कदर जुल्म ढाए है तूने सर उठाने के काबिल नहीं हैं (वाह वाह)
बेवफ़ा यूँ तेरा मुस्कुराना याद आने के काबिल नहीं हैं
बेवफ़ा यूँ तेरा मुस्कुराना
मैंने ख़त लिख के उनको बुलाया, बुलाया
मैंने ख़त लिख के उनको बुलाया
आके कासिद ने दुखड़ा सुनाया
उनके पैरों में मेहंदी लगी हैं
उनके पैरों में मेहंदी लगी हैं आने जाने के काबिल नहीं हैं (वाह वाह)
उनके पैरों में मेहंदी लगी हैं आने जाने के काबिल नहीं हैं
बेवफ़ा यूँ तेरा मुस्कुराना
अब, अब ज़रा गौर कीजियेगा, यहाँ शायर ने एकTelephone की बात कही है
मैंने Phone करके उनको बुलाया, बुलाया
मैने Phone करके उनको बुलाया उनकी मम्मी ने आके उठाया (आय-हाय)
मैंने Phone करके उनको बुलाया उनकी मम्मी ने आके उठाया
उनके हाथों में मेहंदी लगी हैं
उनके हाथों में मेहंदी लगी हैं Phone उठाने के काबिल नहीं हैं (क्या बात है)
उनके हाथों में मेहंदी लगी हैं
उनके हाथों में मेहंदी लगी हैं Phone उठाने के काबिल नहीं हैं
बेवफ़ा यूँ तेरा मुस्कुराना
मैंने पूछा के कल शब कहाँ थे, कहाँ थे
मैंने पूछा के कल शब कहाँ थे
पहले शर्माए फिर हँस के बोले आप वो बात क्योंक्यूं पूछते हो
आप वो बात क्यूं पूछते हो जो बताने के काबिल नहीं हैं
आप वो बात क्यूं पूछते हो जो बताने के काबिल नहीं हैं
बेवफ़ा यूँ तेरा मुस्कुराना याद आने के काबिल नहीं हैं
बेवफ़ा यूँ तेरा मुस्कुराना याद आने के काबिल नहीं हैं
बेवफ़ा हूँ तेरा मुस्कुराना याद आने के काबिल नहीं हैं
बेवफ़ा हूँ तेरा मुस्कुराना याद आने के काबिल नहीं हैं
बेवफ़ा हूँ तेरा मुस्कुराना, बेवफ़ा हूँ तेरा मुस्कुराना (वाह, वाह, वाह, वाह)