Back to Top

Mohammed Aziz - Apne Kiye Pe Aaj [Jhankar] Lyrics

theme

Mohammed Aziz - Apne Kiye Pe Aaj [Jhankar] Lyrics
Official




हो हो हो हो
हो हो हो हो

जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी
जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी
जय जय राम कृष्ण हरी

अपने किए पे ओ भगवन मैं
आज बहुत पछताया
पापों की गठरी सर पे उठाए
तेरे द्वार पे आया
अपने किए पे ओ भगवन मैं
आज बहुत पछताया
पापों की गठरी सर पे उठाए
तेरे द्वार पे आया
अपने किए पे ओ भगवन

किया नही किया हो नही सकता
किया नही किया हो नही सकता
कौन जतन किया जाए
चला गया जो समय लौट कर
वापस कैसे आए
मैं कितना बेबस हू बस मे
कुछ भी कर ना पाया
पापों की गठरी सर पे उठाए
तेरे द्वार पे आया

जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी
जय जय राम कृष्ण हरी

जी चाहे मैं रो रो के ये
मन की आग भुजाऊ
जी चाहे मैं रो रो के ये
मन की आग भुजाऊ
इतना रोने को मैं इतने
आंसू कहा से लाऊ
अपने जाल में आप फसा मैं
कैसा धोखा खाया
पापों की गठरी सर पे उठाए
तेरे द्वार पे आया
अपने किए पे ओ भगवन मैं
आज बहुत पछताया
पापों की गठरी सर पे उठाए
तेरे द्वार पे आया

जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी
जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी
जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी (जय जय राम जय जय राम)
जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी (जय जय राम जय जय राम)
जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी (जय जय राम जय जय राम)
जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी (जय जय राम जय जय राम)
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




हो हो हो हो
हो हो हो हो

जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी
जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी
जय जय राम कृष्ण हरी

अपने किए पे ओ भगवन मैं
आज बहुत पछताया
पापों की गठरी सर पे उठाए
तेरे द्वार पे आया
अपने किए पे ओ भगवन मैं
आज बहुत पछताया
पापों की गठरी सर पे उठाए
तेरे द्वार पे आया
अपने किए पे ओ भगवन

किया नही किया हो नही सकता
किया नही किया हो नही सकता
कौन जतन किया जाए
चला गया जो समय लौट कर
वापस कैसे आए
मैं कितना बेबस हू बस मे
कुछ भी कर ना पाया
पापों की गठरी सर पे उठाए
तेरे द्वार पे आया

जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी
जय जय राम कृष्ण हरी

जी चाहे मैं रो रो के ये
मन की आग भुजाऊ
जी चाहे मैं रो रो के ये
मन की आग भुजाऊ
इतना रोने को मैं इतने
आंसू कहा से लाऊ
अपने जाल में आप फसा मैं
कैसा धोखा खाया
पापों की गठरी सर पे उठाए
तेरे द्वार पे आया
अपने किए पे ओ भगवन मैं
आज बहुत पछताया
पापों की गठरी सर पे उठाए
तेरे द्वार पे आया

जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी
जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी
जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी (जय जय राम जय जय राम)
जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी (जय जय राम जय जय राम)
जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी (जय जय राम जय जय राम)
जय जय राम कृष्ण हरी, जय जय राम कृष्ण हरी (जय जय राम जय जय राम)
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Anand Bakshi
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
LyricFind




Mohammed Aziz - Apne Kiye Pe Aaj [Jhankar] Video
(Here for Video at the top of page)


Performed By: Mohammed Aziz
Length: 5:03
Written by: Anand Bakshi

Tags:
No tags yet