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Mohammed Aziz - Log Jahan Per Rahate Hain [Sad] Lyrics



Mohammed Aziz - Log Jahan Per Rahate Hain [Sad] Lyrics
Official




खुशियों के दीप जलाएंगे
खुशियों के दीप जलाएंगे
सपनों के फूल खिलाएंगे
सपनों के फूल खिलाएंगे
मिटने ना देंगे इस घर को इस घर पर हम मिट जाएंगे
इस घर पर हम मिट जाएंगे
ऐ माँ
ऐ माँ
तेरे बच्चे तेरी सौगंध उठा कर कहते हैं
लोग जहां पर रहते हैं
उस जगह को वो घर कहते हैं
हम इस घर में रहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं
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खुशियों के दीप जलाएंगे
खुशियों के दीप जलाएंगे
सपनों के फूल खिलाएंगे
सपनों के फूल खिलाएंगे
मिटने ना देंगे इस घर को इस घर पर हम मिट जाएंगे
इस घर पर हम मिट जाएंगे
ऐ माँ
ऐ माँ
तेरे बच्चे तेरी सौगंध उठा कर कहते हैं
लोग जहां पर रहते हैं
उस जगह को वो घर कहते हैं
हम इस घर में रहते हैं
इसे प्यार का मंदिर कहते हैं
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Writer: ANAND BAKSHI, LAXMIKANT KUDALKAR, SHARMA PYARELAL
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group




Mohammed Aziz - Log Jahan Per Rahate Hain [Sad] Video
(Show video at the top of the page)

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