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Mohammed Aziz - Mere Malik Mere Data Lyrics

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Mohammed Aziz - Mere Malik Mere Data Lyrics
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ज़रा निगाहे करम ए खुदा इधर करदे
खताए हमसे हुई है
तू दर गुज़र कर दे
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार
काली कमली वाले के सदके
मेरी सुनले पुकार
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार
काली कमली वाले के सदके
मेरी सुनले पुकार
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार
अपने बन्दों को बचाया
तूने हर तूफान में
रूह की कश्ती किनारे पे
लगा दी आन मे
हुस्न युसूफ को दिया
आवाज़ दी दाऊद को
तूने दी झूठी खुदाई की सजा
नमरूद को
तूने इब्राहीम को कब आग में जलने दिया
थी जहां पर आग
एक गुलशन वह पर पैदा किया
रहमतों का तेरी हमसे
हो नहीं सकता सुमार
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार

नील ने मूसा को अपने बीच से रास्ता दिया
अगर उसी की दरिया पे फिर उनका लष्कर किया
एक कुँवारी माँ के बेटे को मसीहा कर दिया
जिसने तेरे हुक्म से मुर्दों को ज़िंदा कर दिया
माजरा दुश्मन अभी का देख कर घबरा गया
जब अ बा बि दिलो का लश्कर हाथियों पर छा गया
तेरी लाठी में नहीं आवाज़ परकारि है वक़्त
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार

तेरा रुतबा सबसे ऊँचा सबसे आला तेरा नाम
अल्लाह हू अकबर
अल्लाह हू अकबर
तेरा रुतबा सबसे ऊँचा सबसे आला तेरा नाम
आदमी हो या फ़रिश्ते सब हैं तेरे ही गुलाम
मांगते हैं हम मोहम्मद मुस्तुफा के नाम पर
शेर हक़ मौला अली मुश्किल कुशा के नाम पर
जिस तरह याकूब की आँखों को दी थी रौशनी
आज एक लाचार की फिर दूर कर दे बेबसी
अपनी कुदरत का तमाशा फिर दिखा दे एक बार
फिर दिखा दे एक बार
फिर दिखा दे एक बार
[ Correct these Lyrics ]

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ज़रा निगाहे करम ए खुदा इधर करदे
खताए हमसे हुई है
तू दर गुज़र कर दे
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार
काली कमली वाले के सदके
मेरी सुनले पुकार
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार
काली कमली वाले के सदके
मेरी सुनले पुकार
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार
अपने बन्दों को बचाया
तूने हर तूफान में
रूह की कश्ती किनारे पे
लगा दी आन मे
हुस्न युसूफ को दिया
आवाज़ दी दाऊद को
तूने दी झूठी खुदाई की सजा
नमरूद को
तूने इब्राहीम को कब आग में जलने दिया
थी जहां पर आग
एक गुलशन वह पर पैदा किया
रहमतों का तेरी हमसे
हो नहीं सकता सुमार
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार

नील ने मूसा को अपने बीच से रास्ता दिया
अगर उसी की दरिया पे फिर उनका लष्कर किया
एक कुँवारी माँ के बेटे को मसीहा कर दिया
जिसने तेरे हुक्म से मुर्दों को ज़िंदा कर दिया
माजरा दुश्मन अभी का देख कर घबरा गया
जब अ बा बि दिलो का लश्कर हाथियों पर छा गया
तेरी लाठी में नहीं आवाज़ परकारि है वक़्त
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार
मेरे मालिक मेरे दाता
ए मेरे परवरदिगार

तेरा रुतबा सबसे ऊँचा सबसे आला तेरा नाम
अल्लाह हू अकबर
अल्लाह हू अकबर
तेरा रुतबा सबसे ऊँचा सबसे आला तेरा नाम
आदमी हो या फ़रिश्ते सब हैं तेरे ही गुलाम
मांगते हैं हम मोहम्मद मुस्तुफा के नाम पर
शेर हक़ मौला अली मुश्किल कुशा के नाम पर
जिस तरह याकूब की आँखों को दी थी रौशनी
आज एक लाचार की फिर दूर कर दे बेबसी
अपनी कुदरत का तमाशा फिर दिखा दे एक बार
फिर दिखा दे एक बार
फिर दिखा दे एक बार
[ Correct these Lyrics ]
Writer: HASSAN KAMAAL, LAXMIKANT PYARELAL
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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Mohammed Aziz - Mere Malik Mere Data Video
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