जिनके लीए जान खतरों मे डाली
इल्जाम सर पे लीए (आ आ)
एक एक करके वो जीवन के साथी
सब छोड के चल दिए (आ आ)
कांधे पे खुद लाश अपनी उठाकर
शायद अकेले जायन है
मुजरिम न कहना मुझे लोगो
मुजरिम तो सारा ज़माना है
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आ आ आ आ आ आ
जिनके लीए जान खतरों मे डाली
इल्जाम सर पे लीए (आ आ)
एक एक करके वो जीवन के साथी
सब छोड के चल दिए (आ आ)
कांधे पे खुद लाश अपनी उठाकर
शायद अकेले जायन है
मुजरिम न कहना मुझे लोगो
मुजरिम तो सारा ज़माना है