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Mohammed Rafi - Baad Muddat Ke Ye Ghadi Aayee Lyrics

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Mohammed Rafi - Baad Muddat Ke Ye Ghadi Aayee Lyrics
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बाद मुद्दत के यह घड़ी आई
आप आए तो ज़िंदगी आई
बाद मुद्दत के यह घड़ी आई
आप आए तो ज़िंदगी आई
इश्क़ मर मरके कामयाब हुआ
आज एक ज़र्रा आफ़्ताब हुआ
आज एक ज़र्रा आफ़्ताब हुआ
शुक्रिया ऐ हुज़ूर आने का
शुक्रिया ऐ हुज़ूर आने का
वक़्त जागा गरीब खाने का
एक ज़माने के बाद ईद हुई
ईद से पहले मेरी ईद हुई
ईद से पहले मेरी ईद हुई
ईद का चाँद आज देखा है
ईद का क्यों न ऐतबार आए
हाथ उठाकर दुआ यह करता हूँ
ईद फिर ऐसी बार बार आए
ईद फिर ऐसी बार बार आए
दिन ज़माने का रात अपनी है
इस घड़ी क़ायनात अपनी है
इश्क़ पर हुस्न की इनायत है
मेरे पहलू में मेरी जन्नत है
मेरे पहलू में मेरी जन्नत है
फ़ासले वक़्त ने मिटा ही दिये
दिल तड़पते हुए मिला ही दिये
काश इस वक़्त मौत आ जाए
ज़िंदगानी पे आके छा जाए
ज़िंदगानी पे आके छा जाए
बाद मुद्दत के यह घड़ी आई
आप आए तो ज़िंदगी आई
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बाद मुद्दत के यह घड़ी आई
आप आए तो ज़िंदगी आई
बाद मुद्दत के यह घड़ी आई
आप आए तो ज़िंदगी आई
इश्क़ मर मरके कामयाब हुआ
आज एक ज़र्रा आफ़्ताब हुआ
आज एक ज़र्रा आफ़्ताब हुआ
शुक्रिया ऐ हुज़ूर आने का
शुक्रिया ऐ हुज़ूर आने का
वक़्त जागा गरीब खाने का
एक ज़माने के बाद ईद हुई
ईद से पहले मेरी ईद हुई
ईद से पहले मेरी ईद हुई
ईद का चाँद आज देखा है
ईद का क्यों न ऐतबार आए
हाथ उठाकर दुआ यह करता हूँ
ईद फिर ऐसी बार बार आए
ईद फिर ऐसी बार बार आए
दिन ज़माने का रात अपनी है
इस घड़ी क़ायनात अपनी है
इश्क़ पर हुस्न की इनायत है
मेरे पहलू में मेरी जन्नत है
मेरे पहलू में मेरी जन्नत है
फ़ासले वक़्त ने मिटा ही दिये
दिल तड़पते हुए मिला ही दिये
काश इस वक़्त मौत आ जाए
ज़िंदगानी पे आके छा जाए
ज़िंदगानी पे आके छा जाए
बाद मुद्दत के यह घड़ी आई
आप आए तो ज़िंदगी आई
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Madan Mohan, Rajinder Krishnan
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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