राज़-ए-दिल उनसे छुपाया ना गया
राज़-ए-दिल उनसे छुपाया ना गया
प्यार की आग कुछ ऐसी भड़की
प्यार की आग कुछ ऐसी भड़की
एक शोला भी दबाया ना गया
एक शोला भी दबाया ना गया
राज़-ए-दिल उनसे छुपाया ना गया
पहले-पहले तो मुझे वो समझ भी ना सके
दिल को तड़पाते रहे, मुझको तरसाते रहे
आँख से आँख कई बार मिली
आँख से आँख कई बार मिली
दिल से दिल फिर भी मिलाया ना गया
प्यार की आग कुछ ऐसी भड़की
एक शोला भी दबाया ना गया
राज़-ए-दिल उनसे छुपाया ना गया
आँख मिलते ही झुकी, बात होंठों पे रुकी
बेरूख़ी प्यार बनी, जीत भी हार बनी
कर गई काम मोहब्बत की नज़र
कर गई काम मोहब्बत की नज़र
उनसे दामन भी बचाया ना गया
प्यार की आग कुछ ऐसी भड़की
प्यार की आग कुछ ऐसी भड़की
एक शोला भी दबाया ना गया
राज़-ए-दिल उनसे छुपाया ना गया