इस भरी दुनिया में, कोई भी हमारा न हुआ
इस भरी दुनिया में, कोई भी हमारा न हुआ
गैर तो गैर थे, अपनों का सहारा न हुआ
इस भरी दुनिया में
लोग रो-रो के भी इस दुनिया में जी लेते हैं
लोग रो-रो के भी इस दुनिया में जी लेते हैं
एक हम हैं की हंसे भी तो गुज़ारा न हुआ
एक हम हैं की हंसे भी तो गुज़ारा न हुआ
इस भरी दुनिया में
इक मुहब्बत के सिवा और न कुछ माँगा था
इक मुहब्बत के सिवा और न कुछ माँगा था
क्या करें ये भी ज़माने को गंवारा न हुआ
क्या करें ये भी ज़माने को गंवारा न हुआ
इस भरी दुनिया में
आसमान जितने सितारे हैं तेरी महफ़िल में
आसमान जितने सितारे हैं तेरी महफ़िल में
अपनी तक़दीर का ही कोई सितारा न हुआ
अपनी तक़दीर का ही कोई सितारा न हुआ
इस भरी दुनिया में, कोई भी हमारा न हुआ
गैर तो गैर थे, अपनों का सहारा न हुआ इस भरी दुनिया में