ओ जिसका साथी है भगवान
उसको क्या रोकेगा
आंधी और तूफ़ान
ओ जिसका साथी है भगवान
उसको क्या रोकेगा
आंधी और तूफ़ान जिसका साथी है भगवान
गगन चुर हो जाए ज़मी
चाहे सागर में धस जाए
गगन चुर हो जाए ज़मी
चाहे सागर में धस जाए
तुफानो की गोद में चाहे
सारा जग खो जाए
पाँव न रुकने पाए
ओ जिसका साथी है भगवान
उसको क्या रोकेगा
आंधी और तूफ़ान
जिसका साथी है भगवान
जिसके शीश पे हाथ हज़ारो
छू ना कोई पाएगा
जिसके शीश पे हाथ हज़ारो
छू ना कोई पाएगा
हरी नाम से पर्वत भी
तिनका बन जाएगा
धूल में मिल जाएगा
ओ जिसका साथी है भगवान
उसको क्या रोकेगा
आंधी और तूफ़ान
जिसका साथी है भगवान जिसका साथी है भगवान जिसका साथी है भगवान