महफ़िल से उठ जाने वालो
तुम लोगो पर क्या इल्ज़ाम
तुम आबाद घरो के बसी
मैं आवारा और बदनाम
मेरे साथी मेरे साथी
मेरे साथी खाली जाम
मेरे साथी खाली जाम
दो दिन तुम ने प्यार जताया
दो दिन तुम से मेल रहा
अच्छा ख़ासा वक़्त कटा
और अच्छा ख़ासा खेल रहा
अब उस खेल का ज़िक्र ही कैसा
वक्त कटा और खेल तमाम
मेरे साथी मेरे साथी
मेरे साथी खाली जाम
तुम ने ढुंढी सुख की दौलत
मैने पाला गम का रोग
कैसे बनता कैसे निभाता
यह रिश्ता और यह संजोग
मैने दिल को दिल से तोला
तुम ने माँगे प्यार के दाम
मेरे साथी मेरे साथी
मेरे साथी खाली जाम
तुम दुनिया को बेहतर समझे
मैं पागल था खार हुआ
तुमको अपना नही निगला था
खुद से भी बेज़ार हुआ
देख लिया घर को तमाशा
जान लिया अपना अंजाम
मेरे साथी मेरे साथी
मेरे साथी खाली जाम