मेरी मोहब्बत कबूल कर लो
मेरी मोहब्बत कबूल कर लो
गरीब शायर के आँसूओ का हकिर तौफा कबूल कर लो
मेरी मोहब्बत
मेरी मोहब्बत में सादगी हैं मेरी मोहब्बत में आज ज़ी हैं
मेरी मोहब्बत में शायरी हैं ये शायरी भी तो आपकी ही हैं
मेरी मोहब्बत कबूल कर लो हाय
मेरी मोहब्बत है चाँद जैसी जो शब में किरणे लुटा रहा हूँ
मेरी मोहब्बत है फूल जैसी जो हर घड़ी मुस्कुरा रहा हूँ
मेरी मोहब्बत
मुझे तो कुछ इसका ग़म नहीं है के मेरी दुनिया में ग़म ही गम हैं
मेरी मोहब्बत चकोर जैसी के जिसपे जितना हो नाज कम है
मेरी मोहब्बत कबूल कर लो
गरीब शायर के आँसूओ का हकिर तौफा कबूल कर लो