तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत
तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत
हम जहाँ में तेरी तस्वीर लिए फिरते है
तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत
खूब चेहरा है तेरा दोनों जहा है पागल
सामने तेरे है फिका वो हसीं ताजमहल
तेरी जुल्फों ने सनम दिल मेरा बांध लिया
तूने ए जाने सितम प्यार का जाम दिया
जुल्फ की हम जवा जञ्जीर लिए फिरते है
तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत
हम जहाँ में तेरी तस्वीर लिए फिरते है
तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत
ये तो दुनिआ है यहाँ एक नहि लाख हसीन
जो ऐडा देखि है तुझमे वो किसी में भी नहीं
सामने तेरा जब होगा तो क़यामत भी होगी
आँख जब तुझसे मिलेगी तो मोहब्बत की होगी
प्यार की हम अज़ाब रासीर लिए फिरते है
तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत
हम जहाँ में तेरी तस्वीर लिए फिरते है
तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत
चांदनी रात भी ज़ालिम तेरी परछाई है
और सूरज ने तेरे गालों से चमक पायी है
अगर तुझे देख ले कश्मीर तो शरमा जाये
और फरिस्ता जो अगर देख ले ललचा जाये
हम नए रंग की एक हीर लिए फिरते है
तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत