तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साये में शाम कर लूँगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साये में शाम कर लूँगा
सफर इक उम्र का पल में तमाम कर लूँगा
नज़र मिलाई तो पूछूंगा इश्क का अंजाम
नज़र मिलाई तो पूछूंगा इश्क का अंजाम
नज़र झुकाई तो खाली सलाम कर लूँगा
नज़र झुकाई तो खाली सलाम कर लूँगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साये में शाम कर लूँगा
जहाने दिल पे हुक़ूमत तुम्हे मुबारक हो
जहाने दिल पे हुक़ूमत तुम्हे मुबारक हो
रही शिकस्त तो मैं अपने नाम कर लूँगा
रही शिकस्त तो मैं अपने नाम कर लूँगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साये में शाम कर लूँगा
सफर इक उम्र का पल में तमाम कर लूँगा