औ औ औ औ औ औ
जिस दिन इस दुनिया से नफरत और खुदगर्ज़ी मिट जायेगी
जिस दिन इस दुनिया से नफरत और खुदगर्ज़ी मिट जायेगी
उस रोज़ ये इंसान नाचेगा
उस रोज़ ये धरती गाएगी
उस रोज़ ये धरती गाएगी
इस टुकड़े पर हक मेरा है
उस चप्पे पर हक़ तेरा है
इस टुकड़े पर हक मेरा है
उस चप्पे पर हक़ तेरा है
इस वहम में जब तक है दुनिया समझो के दूर सवेरा है
जब दुःख सुख सब मिल बटेगे और उल्फ़त साज़ बजायेगी
उस रोज़ ये इंसान नाचेगा
उस रोज़ ये धरती गाएगी
उस रोज़ ये धरती गाएगी
इंसान के दिल में जब तक भी ताकत का नशा और लालच है
इंसान के दिल में जब तक भी ताकत का नशा और लालच है
ये दुनिया जहन्नुम ही होगी ये आज भी सच कल भी सच हैं
जब अपनी अपनी मेहनत ही सबकी दौलत कहलाएगी
उस रोज़ ये इंसान नाचेगा उस रोज़ ये धरती गाएगी
उस रोज़ ये धरती गाएगी
सूरज का उजाला सबका हैं चंदा की चंदनिया सबकी हैं
सूरज का उजाला सबका हैं चंदा की चंदनिया सबकी हैं
इंसान अभी पैदा ना हुआ था रीत ये कायम जब की हैं
जब द्वीप के बादल बिखरेंगे और प्रीत किरण मुस्काएँगी
उस रोज़ ये इंसान नाचेगा उस रोज़ ये धरती गाएगी
उस रोज़ ये धरती गाएगी
जिस दिन इस दुनिया से नफ़रत और ख़ुदग़रज़ई मिट जाएगी
उस रोज़ ये इंसान नाचेगा उस रोज़ ये धरती गाएगी
उस रोज़ ये धरती गाएगी