तड़पाएँ मुझे तेरी सभी बातें
एक बार तू ऐ दीवानी, झूठा ही सही, प्यार तो कर
मैं भूला नहीं हसीं मुलाक़ातें
बेचैन करके मुझ को, मुझ से यूँ ना फेर नज़र
रूठेगा ना मुझसे
मेरे साथिया ये वादा कर
तेरे बिना मुश्किल है
जीना मेरा मेरे दिलबर
ज़रा ज़रा महकता है, बहकता है आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
ज़रा ज़रा महकता है, बहकता है आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
ज़रा ज़रा महकता है, बहकता है आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
यूँ ही गरज गरज काली घटा बरसे
हम यार भीग जाएँ इस चाहत की बारिश में
तेरी खुली खुली लटों को सुलझाऊँ
मैं अपनी उँगलियों से, मैं तो हूँ इस ख्वाहिश में
सर्दी की रातों में हम सोए रहे हैं चादर में
हम दोनों तनहा हों, ना कोई भी रहे इस घर में
ज़रा ज़रा महकता है, बहकता है आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
ज़रा ज़रा महकता है, बहकता है आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
ज़रा ज़रा महकता है, बहकता है आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
ज़रा ज़रा महकता है, बहकता है आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में