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Bol Radha Bol [Remix] Video (MV)




Performed By: Mukesh
Length: 4:07
Written by: SINGH SHANKAR




Mukesh - Bol Radha Bol [Remix] Lyrics
Official




मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमुना का
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमुना का
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
अरे बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं

नहीं, कभी नहीं हँ हँ हँ हँ

कितनी सदियां बीत गयी हैं हाय तुझे समझाने में
मेरे जैसा धीरज वाला है कोई और ज़माने में
दिल का बढ़ता बोझ कभी कम होगा की नहीं
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमुना का
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
अरे बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं

हा हा हा हा, जा जा

दो नदियों का मेल अगर इतना पावन कहलाता है
क्यों न जहां दो दिल मिलते हैं
स्वर्ग वहाँ बस जाता है
हर मौसम है प्यार का मौसम होगा की नहीं
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमुना का
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
अरे बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं

नहीं नहीं नहीं हँ हँ हँ हँ
नहीं हँ हँ हँ हँ
नहीं हँ हँ हँ हँ
नहीं हँ हँ हँ हँ

तेरी खातिर मैं तड़पा यूँ तरसे धरती सावन को
राधा राधा एक रटन है सांस की आवन जावन को
पत्थर पिघले दिल तेरा नम होगा के नहीं
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमुना का
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
अरे बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं

नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं
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मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमुना का
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमुना का
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
अरे बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं

नहीं, कभी नहीं हँ हँ हँ हँ

कितनी सदियां बीत गयी हैं हाय तुझे समझाने में
मेरे जैसा धीरज वाला है कोई और ज़माने में
दिल का बढ़ता बोझ कभी कम होगा की नहीं
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमुना का
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
अरे बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं

हा हा हा हा, जा जा

दो नदियों का मेल अगर इतना पावन कहलाता है
क्यों न जहां दो दिल मिलते हैं
स्वर्ग वहाँ बस जाता है
हर मौसम है प्यार का मौसम होगा की नहीं
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमुना का
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
अरे बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं

नहीं नहीं नहीं हँ हँ हँ हँ
नहीं हँ हँ हँ हँ
नहीं हँ हँ हँ हँ
नहीं हँ हँ हँ हँ

तेरी खातिर मैं तड़पा यूँ तरसे धरती सावन को
राधा राधा एक रटन है सांस की आवन जावन को
पत्थर पिघले दिल तेरा नम होगा के नहीं
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमुना का
बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं
अरे बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं

नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं
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Writer: SINGH SHANKAR
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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