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Mukesh - Kai Baar Yun Bhi Dekha Hai Lyrics

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Mukesh - Kai Baar Yun Bhi Dekha Hai Lyrics
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कई बार यूँ भी देखा है
ये जो मन की सीमा रेखा है
मन तोड़ने लगता है
अनजानी प्यास के पीछे
अनजानी आस के पीछे
मन दौड़ने लगता है

राहों में, राहों में, जीवन की राहों में
जो खिले हैं फूल, फूल मुस्कुरा के
कौन सा फूल चुरा के
रखूँ लूँ मन में सज़ा के
कई बार यूँ भी देखा है
ये जो मन की सीमा रेखा है
मन तोड़ने लगता है
अनजानी प्यास के पीछे
अनजानी आस के पीछे
मन दौड़ने लगता है

जानूँ ना, जानूँ ना
उलझन ये जानूँ ना
सुलझाऊँ कैसे कुछ समझ ना पाऊँ
किसको मीत बनाऊँ
किसकी प्रीत भुलाऊँ
कई बार यूँ भी देखा है
ये जो मन की सीमा रेखा है
मन तोड़ने लगता है
अनजानी प्यास के पीछे
अनजानी आस के पीछे
मन दौड़ने लगता है
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कई बार यूँ भी देखा है
ये जो मन की सीमा रेखा है
मन तोड़ने लगता है
अनजानी प्यास के पीछे
अनजानी आस के पीछे
मन दौड़ने लगता है

राहों में, राहों में, जीवन की राहों में
जो खिले हैं फूल, फूल मुस्कुरा के
कौन सा फूल चुरा के
रखूँ लूँ मन में सज़ा के
कई बार यूँ भी देखा है
ये जो मन की सीमा रेखा है
मन तोड़ने लगता है
अनजानी प्यास के पीछे
अनजानी आस के पीछे
मन दौड़ने लगता है

जानूँ ना, जानूँ ना
उलझन ये जानूँ ना
सुलझाऊँ कैसे कुछ समझ ना पाऊँ
किसको मीत बनाऊँ
किसकी प्रीत भुलाऊँ
कई बार यूँ भी देखा है
ये जो मन की सीमा रेखा है
मन तोड़ने लगता है
अनजानी प्यास के पीछे
अनजानी आस के पीछे
मन दौड़ने लगता है
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Yogesh, Salil Chowdhury
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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Mukesh - Kai Baar Yun Bhi Dekha Hai Video
(Here for Video at the top of page)


Performed By: Mukesh
Length: 3:22
Written by: Yogesh, Salil Chowdhury

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