राम राम राम राम
राम नाम रट रे
भव के अंध कर्म बंद
पल में जाए कट रे
राम राम राम राम
कुछ ना संग ले के आए
कुछ ना संग जाना
दूर का सफ़र हँसी से
बोझ क्यों बढ़ाना
मत बिखर इधर उधर
तू एक जगहा सिमट रे
राम राम राम राम
राम को बिसार के
फिरे है मारा मारा
तेरे हाथ ना आओ राम
हाथ है किनारा
राम की शरण मे आ
चरण से जा लिपट रे
राम राम राम राम
राम नाम रट रे
भव के अंध कर्म बंद
पल में जाए कट रे
राम राम राम राम