Back to Top

Mukesh - Zikra Hota Hai Jab Lyrics

theme

Mukesh - Zikra Hota Hai Jab Lyrics
Official




ज़िक्र होता है जब क़यामत का
तेरे जलवों की बात होती है
तू जो चाहे तो दिन निकलता है
तू जो चाहे तो रात होती है

तुझको देखा है मेरी नज़रों ने
तेरी तारीफ़ हो मगर कैसे
के बने यह नज़र ज़ुबाँ कैसे
के बने यह जुबां नज़र कैसे
न ज़ुबान को दिखाई देता है
न निगाहों से बात होती है
ज़िक्र होता है जब क़यामत का
तेरे जलवों की बात होती है

तू निगाहों से न पिलाए तो
अश्क़ भी पीने वाले पीते है
वैसे जीने को तो तेरे बिन भी
इस ज़माने में लोग जीते है
ज़िन्दगी तो उसी को कहते है
जो गुज़र तेरे साथ होती है
ज़िक्र होता है जब क़यामत का
तेरे जलवों की बात होती है
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




ज़िक्र होता है जब क़यामत का
तेरे जलवों की बात होती है
तू जो चाहे तो दिन निकलता है
तू जो चाहे तो रात होती है

तुझको देखा है मेरी नज़रों ने
तेरी तारीफ़ हो मगर कैसे
के बने यह नज़र ज़ुबाँ कैसे
के बने यह जुबां नज़र कैसे
न ज़ुबान को दिखाई देता है
न निगाहों से बात होती है
ज़िक्र होता है जब क़यामत का
तेरे जलवों की बात होती है

तू निगाहों से न पिलाए तो
अश्क़ भी पीने वाले पीते है
वैसे जीने को तो तेरे बिन भी
इस ज़माने में लोग जीते है
ज़िन्दगी तो उसी को कहते है
जो गुज़र तेरे साथ होती है
ज़िक्र होता है जब क़यामत का
तेरे जलवों की बात होती है
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANAND BAKSHI, DAAN SINGH
Copyright: Lyrics © Royalty Network
LyricFind

Back to: Mukesh



Mukesh - Zikra Hota Hai Jab Video
(Here for Video at the top of page)


Performed By: Mukesh
Length: 3:03
Written by: ANAND BAKSHI, DAAN SINGH

Tags:
No tags yet