Back to Top

Mukesh - Zindagi Khwab Hai [Abridged] Lyrics

theme

Mukesh - Zindagi Khwab Hai [Abridged] Lyrics
Official




ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
सब सच है
ज़िन्दगी ख्वाब है

दिल ने हमसे जो कहा हमने वैसा ही किया
दिल ने हमसे जो कहा हमने वैसा ही किया
फ़िर कभी फ़ुरसत से सोचेंगे बुरा था या भला
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िन्दगी ख्वाब है

एक कतरा मय का जब पत्थर से होंठों पर पड़ा
एक कतरा मय का जब पत्थर से होंठों पर पड़ा
उसके सीने में भी दिल धड़का ये उसने भी कहा क्या
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िन्दगी ख्वाब है

एक प्याली भर के मैंने ग़म के मारे दिल को दी हाय
एक प्याली भर के मैंने ग़म के मारे दिल को दी
ज़हर ने मारा ज़हर को मुरदे में फिर जान आ गई
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
सब सच है
ज़िन्दगी ख्वाब है

दिल ने हमसे जो कहा हमने वैसा ही किया
दिल ने हमसे जो कहा हमने वैसा ही किया
फ़िर कभी फ़ुरसत से सोचेंगे बुरा था या भला
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िन्दगी ख्वाब है

एक कतरा मय का जब पत्थर से होंठों पर पड़ा
एक कतरा मय का जब पत्थर से होंठों पर पड़ा
उसके सीने में भी दिल धड़का ये उसने भी कहा क्या
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िन्दगी ख्वाब है

एक प्याली भर के मैंने ग़म के मारे दिल को दी हाय
एक प्याली भर के मैंने ग़म के मारे दिल को दी
ज़हर ने मारा ज़हर को मुरदे में फिर जान आ गई
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
[ Correct these Lyrics ]
Writer: SHAILENDRA, Salil Chowdhury
Copyright: Lyrics © Royalty Network
LyricFind

Back to: Mukesh



Mukesh - Zindagi Khwab Hai [Abridged] Video
(Here for Video at the top of page)

Tags:
No tags yet