मेरे सक़िया
मुझे भूल जेया मुझे भूल जा
मेरे दिल रूबा मुझे भूल जा
मुझे भूल जा
मुझे भूल जा मेरे सक़िया
ना वो दिल रहा
ना वो जी रहा
ना वो डोरे ऐशो खुशी रहा
ना वो रप्ते ज़ॅप्ट दिली रहा
ना वो औज़े तश्ना नबी रहा
ना वो ज़ोके बाड़ा काशी रहा
ना वो शकले शीशा गारी रहा
मैं आलम नवाज़ हूँ आज का
मैं सिकश साज़ हूँ आज कल
मैं ज़रा परास्त हूँ आज कल
मुझे अब ख़याल में भी ना ला
मुझे भूल जा
मुझे भूल जा
मेरे सक़िया
मुझे भूल जा
मुझे भूल जा मेरे सक़िया
मुझे भूल जा
मेरे दिल रूबा
मुझे भूल जा
मेरे सक़िया
मुझे ज़िंदगी से लज़ीज़ कर
फकत एक ही तेरी जात थी
तेरी हर निगाह मेरे लिए
सब हबे सुकूने
हयात थी मेरी दास्ताने
वफ़ा कभी तेरी शरहुसने
सिफ़ात थी मगर अब तो
रंग ही और है
ना वो दर्ज़ है ना
वो दोआर है
यह सितम भी
क़ाबिले गोआर है
तुझे अपने हुस्न का वास्ता
मुझे भूल जा
मुझे भूल जा
मेरे सक़िया
मुझे भूल जा मुझे भूल जा
मेरे सक़िया
मुझे भूल जा
मेरे दिल रूबा
मुझे भूल जेया मेरे सक़िया
कसम इस तरबे हयात की
मुझे खामोशी में करार है
मेरे सहमे हुस्न घुलशन इश्क़ में
ना फ़िज़ा है ना अब ना बहार है
यहीं दिल था रोनाके अंजुमन
यहीं दिल चरगे मज़ार है
मुझे अब सुकून विगल ना दे
मुझे अब नवीदे शहेल ना दे
मुझे अब फरेबे नज़र ना दे
ना हो वाहें इश्क़ में मुक्तला
मुझे भूल जा मुझे भूल जा
मेरे सक़िया मुझे भूल जा
मुझे भूल जा मेरे सक़िया
मुझे भूल जा
मेरे दिल रूबा
मुझे भूल जा
मेरे सक़िया मुझे भूल जा
मेरे दिल रूबा
मुझे भूल जा
मेरे सक़िया
मुझे भूल जा