आ आ आ ओ ओ ओ
आने से उसके आए बहार
जाने से उसके जाए बहार
बडी मस्तानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
आने से उसके आए बहार
जाने से उसके जाए बहार
बडी मस्तानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
गुनगुनाये ऐसे जैसे बजते हों घुँघरू कहीं पे
आके पर्बतों से जैसे गिरता हो झरना जमीं पे
झरनों की मौज़ है वो, मौज़ों की रवानी है
मेरी मेहबूबा मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
बन संवर के निकले आये सावन का जब जब महीना
हर कोई ये समझे होगी वो कोई चंचल हसीना
पूछो तो कौन है वो, रुत ये सुहानी है
मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
बडी मस्तानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी हम्म्म हम्म(हम्म्म हम्म)