बुलबुलो मत रो यहाँ आँसू बहाना है मना आ आ आ
इन क़फ़स के क़ैदियों को
इन क़फ़स के क़ैदियों को ग़ुल मचाना है मना
बुलबुलो मत रो यहाँ
छोड़ कर तूफ़ाँ में ये मल्लाह कह कर चल दिया
हाँ छोड़ कर तूफ़ाँ में ये मल्लाह कह कर चल दिया
आ डूब जा मझधार में साहिल पे आना है मना
बुलबुलो मत रो यहाँ
मैं हूँ वो फ़रियाद जिस का सुनने वाला चल बसा
मैं हूँ वो फ़रियाद जिस का सुनने वाला चल बसा आ
मैं हूँ वो आँसू जिसे दामन पे आना है मना
बुलबुलो मत रो यहाँ आँसू बहाना है मना
बुलबुलो मत रो यहाँ