दुख के जलतें हुए आलाहो
मन की पीड़ा तन के धावो
दुख के जलतें हुए आलाहो
मन की पीड़ा तन के धावो
तूने ये संसार से पाया
तूने ये संसार से पाया
तुम हो जलती धूप से हारे
और मैं अब संग हूँ तुम्हारे
हा करदूंगी आँचल की छाया
हा करदूंगी आँचल की छाया
मेरे भाग्या में जो निमित हैं
बूँद बूँद मैं तुमको देदू
जीतना भी विष तुमको मिला हैं
लाओ सारा विष में पीलू
समय ने जैसे बादल बनके
अब तक तुमपर विष बरसाया
पर अब में हूँ संग तुम्हारें
करदूंगी आँचल की छाया
प्यार से जो कोई छुले तो
हर पीड़ा तंन भर जाती हैं
दुख की अगन बुझ ना पाए तो
माढ़यं ये तुझ वोही जाती हैं
जिस पल तक तुम अकेले थे
हर पल सुना पं ही लाया
पर अब में हूँ तुम्हारें
करदूंगी आँचल की छाया
दुख के जलतें हुए आलाहो
मॅन की पीड़ा तन के धावो
तूने ये संसार से पाया
तूने ये संसार से पाया
तुम हो जलती धूप से हारे
और मैं अब संग हूँ तुम्हारे
हा करदूंगी आँचल की छाया
हा करदूंगी आँचल की छाया
हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म