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Teri Yaadon Se [Remixed] Video (MV)




Performed By: Pranay M Rijia
Featuring: Mustafa Zahid
Length: 5:15
Written by: PRANAY, SAYEED QUADRI




Pranay M Rijia - Teri Yaadon Se [Remixed] Lyrics
Official




[ Featuring Mustafa Zahid ]

ओ ओ ओ ओ ओ ओ
तेरी यादों से दूरी बेहतर है
करती जीना ये मुश्किल
ये वो बारिश है देती बंजर है
भीग के होगा क्या हासिल
तुझे ही नहीं जब मेरी आरज़ू है
मुझे भी कहाँ फिर तेरी जुस्तज़ू है
ओ ओ ओ ओ

तेरी यादों से दूरी बेहतर है
करती जीना ये मुश्किल
ये वो बारिश है देती बंजर है
भीग के होगा क्या हासिल
तुझे ही नहीं जब मेरी आरज़ू है
मुझे भी कहाँ फिर तेरी जुस्तज़ू है
ए ए ए

राहों में ढूँढा करता हूँ (करता हूँ)
जब भी कहीं से गुज़रता हूँ
भूले से तू मिल जा कभी
आँखों को चेहरा दिखा कभी
कोई भी आहट सुनता हूँ
दर पे निगाहें करता हूँ (ओ ओ)
ऐसा न हो तू हो कहीं
आ के भी मुझसे मिले नहीं
तेरी यादों से दूरी बेहतर है
करती जीना ये मुश्किल
ये वो बारिश है देती बंजर है
भीग के होगा क्या हासिल
तुझे ही नहीं जब मेरी आरज़ू है
मुझे भी कहाँ फिर तेरी जुस्तज़ू है ए ए ए
ओ ओ ओ ओ

ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ

तेरे बिना मैं तन्हाँ हूँ
वक़्त से टूटा लम्हां हूँ (लम्हां हूँ)
ऐसे ना मुझको सज़ा दे तू (तू)
मेरी ख़तायें भुला दे तू
क्यों ये उम्मीद मैं रखता हूँ
क्यूँ ये मैं सोचा करता हूँ (ओ ओ)
काश मुझे फिर बुला ले तू
गर हूँ ख़फ़ा तो मना ले तू
तेरी यादों से दूरी बेहतर है
करती जीना ये मुश्किल
ये वो बारिश है देती बंजर है (ओ ओ)
भीग के होगा क्या हासिल (ओ ओ)
तुझे ही नहीं जब मेरी आरज़ू है
मुझे भी कहाँ फिर तेरी जुस्तज़ू है ए ए ए
ओ ओ ओ ओ
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ओ ओ ओ ओ ओ ओ
तेरी यादों से दूरी बेहतर है
करती जीना ये मुश्किल
ये वो बारिश है देती बंजर है
भीग के होगा क्या हासिल
तुझे ही नहीं जब मेरी आरज़ू है
मुझे भी कहाँ फिर तेरी जुस्तज़ू है
ओ ओ ओ ओ

तेरी यादों से दूरी बेहतर है
करती जीना ये मुश्किल
ये वो बारिश है देती बंजर है
भीग के होगा क्या हासिल
तुझे ही नहीं जब मेरी आरज़ू है
मुझे भी कहाँ फिर तेरी जुस्तज़ू है
ए ए ए

राहों में ढूँढा करता हूँ (करता हूँ)
जब भी कहीं से गुज़रता हूँ
भूले से तू मिल जा कभी
आँखों को चेहरा दिखा कभी
कोई भी आहट सुनता हूँ
दर पे निगाहें करता हूँ (ओ ओ)
ऐसा न हो तू हो कहीं
आ के भी मुझसे मिले नहीं
तेरी यादों से दूरी बेहतर है
करती जीना ये मुश्किल
ये वो बारिश है देती बंजर है
भीग के होगा क्या हासिल
तुझे ही नहीं जब मेरी आरज़ू है
मुझे भी कहाँ फिर तेरी जुस्तज़ू है ए ए ए
ओ ओ ओ ओ

ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ

तेरे बिना मैं तन्हाँ हूँ
वक़्त से टूटा लम्हां हूँ (लम्हां हूँ)
ऐसे ना मुझको सज़ा दे तू (तू)
मेरी ख़तायें भुला दे तू
क्यों ये उम्मीद मैं रखता हूँ
क्यूँ ये मैं सोचा करता हूँ (ओ ओ)
काश मुझे फिर बुला ले तू
गर हूँ ख़फ़ा तो मना ले तू
तेरी यादों से दूरी बेहतर है
करती जीना ये मुश्किल
ये वो बारिश है देती बंजर है (ओ ओ)
भीग के होगा क्या हासिल (ओ ओ)
तुझे ही नहीं जब मेरी आरज़ू है
मुझे भी कहाँ फिर तेरी जुस्तज़ू है ए ए ए
ओ ओ ओ ओ
[ Correct these Lyrics ]
Writer: PRANAY, SAYEED QUADRI
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC


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