हम्म हम्म औ औ हम्म हम्म आ आ
हम्म हम्म औ औ हम्म हम्म आ आ
चरखा चलाती मा धागा बनाती मा
बुनती है सपनो की केसरी
हम्म हम्म हो हो हम्म हम्म आ आ
चरखा चलाती मा धागा बनाती मा
बुनती है सपनो की केसरी
समझ न पाओ मैं
किसको बताओ मैं
पाइया छुडाती क्यूँ देसरी
बेटों को देती है मेहल अटरिया
बेटी को देती परदेस री
बेटों को देती है मेहल अटरिया
बेटी को देती परदेस री
जग में जनम क्यों लेती है बेटी
जग में जनम क्यों लेती है बेटी
आये क्यूँ बिदाई वाली रात री
आये क्यूँ बिदाई वाली रात री
आये क्यूँ बिदाई वाली रात री
हम्म हम्म औ औ हम्म हम्म आ आ
हम्म हम्म औ औ हम्म हम्म आ आ
उ उ उ उ उ उ उ उ
औ औ औ औ औ औ
उ उ उ उ उ उ उ उ
औ औ औ औ औ औ
साँसों की डोरी से आँखों के गलियों से
क्यों देती सपनो का देस री
उ उ औ औ उ उ औ औ औ
साँसों की डोरी से आँखों के गलियों से
क्यों देती सपनो का देस री
ममता की बाहों में लम्हों की धागों में
मनन को लागे काहे थस री
बेटों को देती है मेहल अटरिया
बेटी को देती परदेस री
बेटों को देती है मेहल अटरिया
बेटी को देती परदेस री
जग में जनम क्यों लेती है बेटी
जग में जनम क्यों लेती है बेटी
आये क्यूँ बिदाई वाली रात री
आये क्यूँ बिदाई वाली रात री
आये क्यूँ बिदाई वाली रात री
हम्म हम्म औ औ हम्म हम्म आ आ
हम्म हम्म औ औ हम्म हम्म आ आ