इश्क़ वो बला है
इश्क़ वो बला है
जिसको छुआ इसने वो जला है
दिल से होता है शुरू
दिल से होता है शुरू
पर कमबख्त सर पे चढ़ा है
कभी खुद से, कभी खुदा से
कभी ज़माने से लड़ा है
इतना हुआ बदनाम फिर भी
हर जुबां पे अड्डा है
आ आ आ आ
इश्क़ की साजिशें (आ आ आ)
इश्क़ की बाज़ियाँ (आ आ आ)
हारा मैं खेल के (आ आ आ)
दो दिलों का जुआ (आ आ आ)
क्यूँ तूने मेरी फुर्सत की क्यूँ दिल में इतनी हरकत की
इश्क में इतनी बरक़त की
ये तूने क्या किया
फिरूं अब मारा मारा मैं चाँद से बिछड़ा तारा मैं
दिल से इतना क्यूँ हारा मैं
ये तूने क्या किया
सारी दुनिया से जीत के मैं आया हूँ इधर
तेरे आगे ही मैं हारा किया तूने क्या असर
मैं दिल का राज़ कहता हूँ
की जब जब सांसें लेता हूँ
तेरा ही नाम लेता हूँ
ये तूने क्या किया
मेरी बाहों को तेरी साँसों की जो
आदतें लगी है वैसी
जी लेता हु अब मैं थोड़ा और
मेरे दिल की रेत पे आँखों की जो
पड़े जो परछाई तेरी
पी लेता हूँ तब मैं थोड़ा और
जाने कौन है तु मेरी मैं ना जानु ये मगर
जहां जाऊ मैं करूं मैं वहाँ
तेरा ही ज़िक्र
मुझे तु राज़ी लगती है
जीती हुई बाज़ी लगती है
तबियत ताज़ी लगती है
ये तुने क्या किया
मैं दिल का राज़ कहता हूँ
की जब जब सांसें लेता हूँ
तेरा ही नाम लेता हूँ
ये तूने क्या किया
दिल करता है, तेरी बातें सुनु
सौदे मैं अधुरे चुनु
मुफ्त का हुआ ये फ़ायदा
क्यूं ख़ुद को मैं बर्बाद करूं
फ़ना होके तुझसे मिलूं
इश्क़ का अजब है क़ायदा
तेरी राहों से जो गुजरी हैं मेरी डगर
मैं भी आगे बढ़ गया हूँ
होके थोड़ा बेफिकर
कहो तो किस से मर्ज़ी लूं
कहो तो किसको अर्जी दूं
हँसता अब थोड़ा फर्जी हूँ
ये तुने क्या किया
मैं दिल का राज़ कहता हूँ
की जब जब सांसें लेता हूँ
तेरा ही नाम लेता हूँ (इश्क की)
ये तूने क्या किया
क्यूँ तूने मेरी फुर्सत की क्यूँ दिल में इतनी हरकत की (साजिशें)
इश्क में इतनी बरक़त की (इश्क की)
ये तूने क्या किया
फिरू अब मारा मारा मैं (बाज़ियां)
चाँद से बिछड़ा तारा मैं
दिल से इतना क्यों हारा मैं (हारा मैं)
ये तूने क्या किया
खेल के
दो दिलों का जुआ