[ Featuring Anurag Saikia ]
दिल में तेरे बिन साँसें ही रह गयी
वादे बातें यादें ही रह गयी
तुम याद आओगे, दिल से ना जाओगे
आसान नही है तुम्हे भूलना हाए
दो पल थमा, दिल का समा
फिर हमसफ़र हुई दूरियाँ
कल साथ थे अब है जुड़ा
फिर हमसफ़र हुई दूरियाँ
तेरी चाह बाकी है
कहाँ आदत जाती है
धड़कानों में भी तो है बसा
हो बिछड़ जाने से क्या यह
लकीर मिट जाती है
हाथों में मेरे है तू लिखा
ओह तेरे लिए मैं बदल ना सका
तेरी ज़रूरत है, तू ही नही अब है
इन्न बेवजह साँसों का हम क्या करे
दो पल थमा, दिल का समा
फिर हमसफ़र हुई दूरियाँ
कल साथ तहे, अब है जुड़ा
फिर हमसफ़र हुई दूरियाँ
मेरे होंठों पे आके
दुआए रुक जाती है
तू मेरा तेरा ना मैं रहा
हो कभी आँखों को तेरी
वो आँखें दिख जाती है
जिनमे ख्वाब था तेरा मेरा
ओह जितना हसा उतना हूँ रो चुका
ऐसे तो सावन की, बरसी ना बारिश भी
जैसे मेरी पलकों पे आँसू गिरे
दो पल थमा, दिल का समा
फिर हमसफ़र हुई दूरियाँ
कल साथ तहे, अब है जुड़ा
फिर हमसफ़र हुई दूरियाँ