घुँघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं
घुँघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं
कभी इस पग में कभी उस पग में बँधता ही रहा हूँ मैं
घुँघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं
कभी टूट गया कभी तोड़ा गया
सौ बार मुझे फिर जोड़ा गया
कभी टूट गया कभी तोड़ा गया
सौ बार मुझे फिर जोड़ा गया
यूँ ही लूट लूट के और मिट मिट के
बनता ही रहा हूँ मैं
घुँघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं
मैं करता रहा औरों की कही
मेरी बात मेरे मन ही में रही
मैं करता रहा औरों की कही
मेरी बात मेरे मन ही में रही
कभी मंदिर में, कभी महफ़िल में
सजता ही रहा हूँ मैं
घुँघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं
अपनों में रहे या गैरों में
घुंघरू की जगह तो है पैरों में
अपनों में रहे या गैरों में
घुंघरू की जगह तो है पैरों में
फिर कैसा गिला जग से जो मिला
सहता ही रहा हूँ मैं
घुँघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं
घुँघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं
बजता ही रहा हूँ मैं