निकल आए निकल आए इधर जनाब कहाँ
रात के वक्त आफताब कहाँ
निकल आए इधर जनाब कहाँ
निकल आए
मेरी आँखें किस के आँसू हैं
आँसू हैं
मेरी आँखें किस के आँसू हैं
वरना इन पत्थरो में आब कहाँ
वरना इन पत्थरो में आब कहाँ
निकल आए इधर जनाब कहाँ
निकल आए
सब खिले है किसी के आर्ज पर
सब खिले है किसी के आर्ज पर
इस बरस बाग मे गुलाब कहा
इस बरस बाग मे गुलाब कहा
निकल आए इधर जनाब कहाँ
निकल आए
मेरे होठो पे तेरी खुश्बू हैं
मेरे होठो पे तेरी खुश्बू हैं
छू सकेगी छू सकेगी
इन्हे शराब कहाँ
छू सकेगी इन्हे शराब कहाँ
निकल आए इधर जनाब कहाँ
रात के वक्त आफताब कहाँ
निकल आए निकल आए
निकल आए