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Ravindra Jain - Jivan Se Sangharsh Ka Lyrics

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Ravindra Jain - Jivan Se Sangharsh Ka Lyrics
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जीवन से संघर्ष का कौशल करे प्रदान
मूनिवर देते कृष्णा को धनूर वेद का ज्ञान
करते सर संग्राम
दुर्गम लक्ष्य का छेदन (दुर्गम लक्ष्य का छेदन)
गुरुवर सहज सिखाते (गुरुवर सहज सिखाते)
कृष्णा को दी धनूर धर (कृष्णा को दी धनूर धर)
हल धरको गदा बल बनाते (हल धारको गदा बल बनाते)

गुरदेव विद्या देते जाते
जीवन की रणनीति कुशलता अर्जित करके प्रभु मुस्काते
गुरदेव विद्या देते जाते
संसारिक से अध्यमिकतक हर एक पक्ष उजागर करके
ललित कला का ज्ञान कराते
रागो मे अनुराग बढ़ाते
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जीवन से संघर्ष का कौशल करे प्रदान
मूनिवर देते कृष्णा को धनूर वेद का ज्ञान
करते सर संग्राम
दुर्गम लक्ष्य का छेदन (दुर्गम लक्ष्य का छेदन)
गुरुवर सहज सिखाते (गुरुवर सहज सिखाते)
कृष्णा को दी धनूर धर (कृष्णा को दी धनूर धर)
हल धरको गदा बल बनाते (हल धारको गदा बल बनाते)

गुरदेव विद्या देते जाते
जीवन की रणनीति कुशलता अर्जित करके प्रभु मुस्काते
गुरदेव विद्या देते जाते
संसारिक से अध्यमिकतक हर एक पक्ष उजागर करके
ललित कला का ज्ञान कराते
रागो मे अनुराग बढ़ाते
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Writer: M.G. Sreekumar, Sujatha Mohan
Copyright: Lyrics © Divo TV Private Limited, Sony/ATV Music Publishing LLC
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Ravindra Jain - Jivan Se Sangharsh Ka Video
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