Back to Top

Ravindra Jain - Jo Bichhadhe Bilkhat Phire Kevat Hoke Nishad Lyrics



Ravindra Jain - Jo Bichhadhe Bilkhat Phire Kevat Hoke Nishad Lyrics
Official




जो बिछड़े बिलखत फिरे केवट हो के निषाद
धीर वीर रघुवीर उर ना कछु अर्श विषाद
गहरी नदिया बांस का पेड़ा लखन के हाथों मे पतवार
आगे बन है पथ निर्जन है ना कोई संगी ना आधार
विधना तेरे लेख किसी की समझ ना आते है
जन जन के प्रिय राम लखन सिय बन को जाते है
जन जन के प्रिय राम लखन सिय बन को जाते है
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




जो बिछड़े बिलखत फिरे केवट हो के निषाद
धीर वीर रघुवीर उर ना कछु अर्श विषाद
गहरी नदिया बांस का पेड़ा लखन के हाथों मे पतवार
आगे बन है पथ निर्जन है ना कोई संगी ना आधार
विधना तेरे लेख किसी की समझ ना आते है
जन जन के प्रिय राम लखन सिय बन को जाते है
जन जन के प्रिय राम लखन सिय बन को जाते है
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Baby Shruthi, K. J. Yesudas
Copyright: Lyrics © Divo TV Private Limited, Sony/ATV Music Publishing LLC

Back to: Ravindra Jain



Ravindra Jain - Jo Bichhadhe Bilkhat Phire Kevat Hoke Nishad Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Ravindra Jain
Length: 2:06
Written by: Baby Shruthi, K. J. Yesudas
[Correct Info]
Tags:
No tags yet