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Ravindra Jain - Kesa Pake Tan Pran Thake Lyrics



Ravindra Jain - Kesa Pake Tan Pran Thake Lyrics
Official




केस पके तन प्रान थके
केस पके तन प्रान थके
अब राग-अनुराग को भार उतारो
मोह महा मद पान कियों
अब आत्म ज्ञान को अमीरत ढारो
जीवन के अंतिम अध्याय मे त्याग करो और दीक्षा धारो
राम को सौप के राज और पाठ करो तप आपनू जन्म सुधारों
राम को सौप के राज और पाठ करो तप आपनू जन्म सुधारों
करो तप आपनू जन्म सुधारों
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केस पके तन प्रान थके
केस पके तन प्रान थके
अब राग-अनुराग को भार उतारो
मोह महा मद पान कियों
अब आत्म ज्ञान को अमीरत ढारो
जीवन के अंतिम अध्याय मे त्याग करो और दीक्षा धारो
राम को सौप के राज और पाठ करो तप आपनू जन्म सुधारों
राम को सौप के राज और पाठ करो तप आपनू जन्म सुधारों
करो तप आपनू जन्म सुधारों
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Writer: K. J. Yesudas
Copyright: Lyrics © Divo TV Private Limited, Sony/ATV Music Publishing LLC




Ravindra Jain - Kesa Pake Tan Pran Thake Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Ravindra Jain
Length: 1:05
Written by: K. J. Yesudas

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