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Ravindra Jain - Sabka Swami Chal Diya Sabse Nata Tod Lyrics



Ravindra Jain - Sabka Swami Chal Diya Sabse Nata Tod Lyrics
Official




चक्रवर्ती पद संपदा गौरव गाथा छोड़
सबका स्वामी चल दिया सबसे नाता तोड़

आत्म पंछी बिन तन पिंजरा कोई मोल न पावे हो ओ ओ
जिया बिन देह ज्योति बिन दिवरा, माटी ही कहलावे हो ओ ओ

जी मे देह का जर्जर पिंजरा पंछी को नहीं भावे हो ओ ओ
जिस पिंजरे को छोड़े उसमे लौटी बहुरि न आवे हो ओ
आत्म पंछी बिन तन पिंजरा कोई मोल न पावे हो ओ
आत्म पंछी बिन तन पिंजरा कोई मोल न पावे हो ओ ओ
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चक्रवर्ती पद संपदा गौरव गाथा छोड़
सबका स्वामी चल दिया सबसे नाता तोड़

आत्म पंछी बिन तन पिंजरा कोई मोल न पावे हो ओ ओ
जिया बिन देह ज्योति बिन दिवरा, माटी ही कहलावे हो ओ ओ

जी मे देह का जर्जर पिंजरा पंछी को नहीं भावे हो ओ ओ
जिस पिंजरे को छोड़े उसमे लौटी बहुरि न आवे हो ओ
आत्म पंछी बिन तन पिंजरा कोई मोल न पावे हो ओ
आत्म पंछी बिन तन पिंजरा कोई मोल न पावे हो ओ ओ
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Writer: K. S. Chithra, Kester, Philomina
Copyright: Lyrics © Divo TV Private Limited, Sony/ATV Music Publishing LLC




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