कृष्ण मुरारी जी, आँख बसे, मन भावे
कृष्ण मुरारी जी, आँख बसे, मन भावे
बाँके बिहारी जी, आँख बसे, मन भावे
बाँके बिहारी जी, आँख बसे, मन भावे
पीली कमरियाँ, मोर मुकुट
घनश्याम गगन के रंग सजा रे
रसिया जोगी कान्हा बजाए
मुरली बोल जिये तक पहुँचे
तन-मन वारी जी, आँख बसे, मन भावे
मैं तो हारी जी, आँख बसे, मन भावे