जो है रूबरू ना तू मेरी
रूह को ना है सुकून
रूबरू ना तू मेरी
रूह को ना है सुकून
हाए उस पल को क्या जियुं
जिस पल मे ना हो तू
हाए रब्बा मेरे रबनुमा वापिस मोड़ दे
दे ना रब्बा मेरे रबनुमा वापिस मोड़ दे
आ.. रब्बा
एक छोटा सा खिलौना था
मैने जिद पकड़ के रोना था
कभी मूड के आ
और मुझको वो दिला
दिलाओ ना मा
लेले तू कशम मैं ना बोलूँगा
टूटा वो तो थोड़ा थोड़ा रोलुँगा
कभी आ ना मा और मुझको पास बिठा
हाए किसको जाके कहूँ अब जिद भी कैसे करूँ
किसको जाके कहूँ जिद भी कैसे करूँ
हाए उस पल को क्या जियुं
जिस पल मे ना हो तू
हाए रब्बा मेरे रबनुमा वापिस मोड़ दे
दे ना रब्बा मेरे रबनुमा वापिस मोड़ दे
रब्बा