बारीशो का तो बस बहाना था
बारीशो का तो बस बहाना था
आँख ने यूँ भी भींग जाना था
आ आ आ, बारीशो का तो बस बहाना था
दर्द से यू बढ़ा लिया रिश्ता
दर्द से यू बढ़ा लिया रिश्ता
दर्द से यू बढ़ा लिया रिश्ता
जैसे वो दोस्त एक पुराना था
आ आ आ जैसे वो दोस्त एक पुराना था
आँख ने यूँ भी भींग जाना था
आ आ आ, बारीशो का तो बस बहाना था
बोझ जैसी नही थी जब खुशियाँ
बोझ जैसी नही थी जब खुशियाँ
बोझ जैसी नही थी जब खुशियाँ
वो ज़माना भी क्या ज़माना था
आ आ आ, वो ज़माना भी क्या ज़माना था
आँख ने यूँ भी भींग जाना था
आ आ, बारीशो का तो बस बहाना था
मिन्नतो से हुआ ना कुछ हाँसिल
मिन्नतो से हुआ ना कुछ हाँसिल
मिन्नतो से हुआ ना कुछ हाँसिल
जिसने जाना था उसने जाना था
आ आ आ, जिसने जाना था उसने जाना था
आँख ने यूँ भी भीग जाना था
बारीशो का तो बस बहाना था आ आ