तू ही है बंदिगी,
तू ही है जिंदगी
तू ही रह गुजर,
तू ही है हमसफर
तुझ से ही दिन शुरू,
तुझ से ही दिन ढले
तुझ से ही गुज़रे है हर रास्ते
आधा ना छोड़ सफर,
मुझको न तन्हा कर
देखे ख्वाब जो,
आ उनको पूरा कर
शामे वो ठहरी है,
वक्त वो ना गुजरा है
तेरे ही जाने से,
तन्हा यह रस्ता है
इश्क तेरा,
ये तेरा मुझको तड़पाए
मेरी यादों में तू आए,
फिर क्यों न आए
इश्क तेरा,
ये तेरा ये क्यों तड़पाए
मेरी यादों में तू आए,
फिर क्यों न आए
ख्वाब वही,
जो पूरे नही
इश्क वही,
जो मुमकिन नहीं
रास्ते दिल के,
क्यों अलग है
क्यों अनजाने,
लगते सब है
सागर के लहरों सी,
आ तू किनारों पर
ले चल संग तू,
जहा ना हो कोई
इश्क तेरा,
ये तेरा मुझको तड़पाए
मेरी यादों में तू आए,
फिर क्यों न आए
इश्क तेरा,
ये तेरा ये क्यों तड़पाए
मेरी यादों में तू आए,
फिर क्यों न आए