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Sadhana Sargam - Sita Ko Dekhe Lyrics



Sadhana Sargam - Sita Ko Dekhe Lyrics
Official




[ Featuring Suresh Wadkar ]

आह आ आ आ आ आ आ
आह आ आ आ आ आ आ
आह आ आ आ आ आ आ
आह आ आ आ आ आ आ
तक दिन दिन तक दिन दिन

सीता को देखे सारा गाँव
आग पे कैसे धरेगी पाँव
बच जाए तोह देवी मा है
जल जाए तोह पापन
जिसका रूप जगत की ठंडक
अग्नि उसका दर्पण
सब जो चाहे सोचे समझे
लेकिन वह भगवान्
सब जो चाहे सोचे समझे
लेकिन वह भगवान्
वह तो खोट कपट के बैरी
वह कैसे नादान
वह कैसे नादान

अग्नि पर उतरके सीता
जीत गयी विश्वास

देखा दोनों हाथ बढाए
राम खड़े थे पास
देखा दोनों हाथ बढाए
राम खड़े थे पास
उस दिन से संगत में आया(उस दिन से संगत में आया)
उस दिन से संगत में आया(उस दिन से संगत में आया)
सच मुच का वनवास(सच मुच का वनवास)
सच मुच का वनवास(सच मुच का वनवास)
सच मुच का वनवास(सच मुच का वनवास)
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आह आ आ आ आ आ आ
आह आ आ आ आ आ आ
आह आ आ आ आ आ आ
आह आ आ आ आ आ आ
तक दिन दिन तक दिन दिन

सीता को देखे सारा गाँव
आग पे कैसे धरेगी पाँव
बच जाए तोह देवी मा है
जल जाए तोह पापन
जिसका रूप जगत की ठंडक
अग्नि उसका दर्पण
सब जो चाहे सोचे समझे
लेकिन वह भगवान्
सब जो चाहे सोचे समझे
लेकिन वह भगवान्
वह तो खोट कपट के बैरी
वह कैसे नादान
वह कैसे नादान

अग्नि पर उतरके सीता
जीत गयी विश्वास

देखा दोनों हाथ बढाए
राम खड़े थे पास
देखा दोनों हाथ बढाए
राम खड़े थे पास
उस दिन से संगत में आया(उस दिन से संगत में आया)
उस दिन से संगत में आया(उस दिन से संगत में आया)
सच मुच का वनवास(सच मुच का वनवास)
सच मुच का वनवास(सच मुच का वनवास)
सच मुच का वनवास(सच मुच का वनवास)
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Writer: Poetry, Suresh Wadkar, Zehra Nigah, Uttam Singh
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Sadhana Sargam - Sita Ko Dekhe Video
(Show video at the top of the page)

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