सुन ये कहानी मेरे दिल की ज़ुबानी जिसमे तेरी कहानियाँ रवाँ
कहके सुनू या सुन के कहूँ मैं जाने कैसे करूँ मैं ये बयान
हाँ तू सही है मेरे पास तू नही है फिर भी
दिल को करने दे बयान जाने जान
लफ़्ज़ों में तू ही है जिनको तू सुन रही है आहा
तेरा ही तो है यह कारवाँ
सबको क्यूँ कहूँ मैं जाने क्या क्या यू सहूँ मैं
क्यू ना तुझको ही करूँ मैं ये बयान
तेरे ही लिए थे सजदे जो जो किए थे
जाने तुझपे ही क्यूँ रुकता है जहाँ
सुनता तू नही है पर जो भी है सही है
होने सबर की लगी है इन्तेहाँ जाने-जान
तेरी ये घड़ी है तू ज़िद पे क्यूँ अड़ी है
खोके पाएगी क्या फिर तू ये समां
हाँ कहता मैं जाऊँगा तू सुन या ना सुन जाने-जान
तेरी मेरी ये कहानियाँ सुनते है मेरी जुबानियाँ
सुन के जिनको होंगी हैरानीयाँ
वो हैं तेरी मेरी कहानियाँ
जब तक तू यहाँ था कुछ खिला सा ये जहाँ था
उस जहाँ में मैने खुदको पालिया
हरपल बेज़ुबान है तू भी जाने अब कहा है
सूनी रातें अब तो सुना दिन मेरा
अब तो आ भी जाओ हूँ मैं रूठा तुम मनाओ या फिर
प्यार को मेरे करदो फनाह
पर कर ना ये सकोगे रोज़ खुद से ये कहोगे जाने
किस घड़ी मिला ये मेहरमाँ
हाँ कहता मैं जाऊँगा तू सुन या ना सुन जाने-जान
तेरी मेरी ये कहानियाँ सुनते है मेरी जुबानियाँ
सुनके जिनको होंगी हैरानीयाँ
वो है तेरी मेरी कहानियाँ