[ Featuring Lopamudra Bandyopadhyay ]
यादें तेरी दिल ये दोहराएँ
लौटे ना वो पल जो बह जाएँ
ये रूठी हवाएँ, लमहों में खो जाएँ ना रुके
कैसे मुस्कुराएँ? कैसे हम भुलाएँ चाह के
ख़ाबों में हम दोनों ने देखें जो सपने
सच होने से पहले ही खो गएँ कहीं
गुमशुदा अब राहों में चलते अकेले
तेरी यादों के शिकवे कभी रुके नहीं
दिल ये खफ़ा, हो कर जुदा
चाहे तुझे ये बेवजह, ऐ बेवफ़ा, कहूँ तुझसे मैं क्या
बातें मेरी दिल की हैं जो लफ़्ज़ों में ना हो बयाँ
ये रूठी हवाएँ, लमहों में खो जाएँ ना रुके
कैसे मुस्कुराएँ? कैसे हम भुलाएँ चाह के
मुड़ीए ना, मुड़ीए ना, मुड़ीए ना, मुड़ीए ना
मुड़ीए ना, मुड़ीए ना
मुड़ीए ना, मुड़ीए ना, मुड़ीए ना, मुड़ीए ना
मुड़ीए ना, मुड़ीए ना
डरती हूँ मुड़ कर जो देखा तूने तो
कहीं ठहर जाऊँगी
हो, डरती हूँ, करती हूँ अब तक मोहब्बत
जो ना मैं कह पाऊँगी
बातें जो तूने कही थी मुझे वो
सुनाओ ना, सुनाओ ना
रातें पुरानी जो हम-तुम जिएँ थे
लौटाओ ना, लौटाओ ना
दिल ये खफ़ा, हो कर जुदा
चाहे तुझे ये बेवजह, ऐ बेवफ़ा, कहूँ तुझसे मैं क्या
बातें मेरी दिल की हैं जो लफ़्ज़ों में ना हो बयाँ
ये रूठी हवाएँ, लमहों में खो जाएँ ना रुके
कैसे मुस्कुराएँ? कैसे हम भुलाएँ चाह के