जो अंजान पल
ढल गये कल, आज वो
रंग बदल बदल, मन को मचल मचल
रहें, न चल न जाने क्यूँ, वो अंजान पल
सजे बिना मेरे नैनों मे
टूटे रे हाय रे सपनों के महल
न जाने क्यूँ, होता है ये ज़िंदगी के साथ
अचानक ये मन
किसी के जाने के बाद, करे फिर उसकी याद
छोटी छोटी सी बात, न जाने क्यूँ